October 18, 2024

जीका वायरस से संक्रमित होने पर  जरूरी बातें

क्या है जीका वायरस और यह कैसे फैलता है?

नई दिल्ली के सर गंगाराम हॉस्पिटल के प्रिवेंटिव हेल्थ डिपार्टमेंट की डायरेक्टर डॉ. सोनिया रावत के मुताबिक जीका एक वायरल इंफेक्शन है. यह संक्रमित एडीज मच्छर के काटने से इंसानों में फैलता है. यह वायरस सेक्सुअली ट्रांसमिटेड भी होता है. अगर संक्रमित व्यक्ति के साथ असुरक्षित यौन संबंधबनाने से भी यह संक्रमण फैल सकता है. यह कोई नई बीमारी नहीं है और पिछले कई सालों से इसके मामले देखने को मिल रहे हैं. अधिकतर लोग इलाज के बाद जीका वायरस से उबर जाते हैं, लेकिन कुछ मामलों में इंफेक्शन सीवियर हो जाता है. सीवियर कंडीशन में इससे ब्रेन और आंखें डैमेज हो सकती हैं. ब्लड टेस्ट के जरिए इस बीमारी का पता लगाया जाता है.

जीका वायरस का संक्रमण सीवियर मामलों में ब्रेन डैमेज कर सकता है.

Treatment Of Zika Virus In Hindi: पिछले कुछ दिनों से देशभर में जीका वायरस (Zika Virus) को लेकर खूब चर्चा हो रही हैं. हाल ही में कर्नाटक और महाराष्ट्र में जीका वायरस के कुछ केस मिले हैं, जिससे लोगों के दिमाग में इसको लेकर डर बैठ गया है. हर कोई इस संक्रमण के बारे में जानना चाहता है. अब सवाल उठता है कि जीका वायरस क्या है और यह कैसे फैलता है? यह शरीर को किस तरह प्रभावित करता है और इससे संक्रमित होने पर किस तरह रिकवर हो सकते हैं. जीका वायरस से जुड़े सभी सवालों के जवाब डॉक्टर से जान लेते हैं.

प्रेग्नेंट महिलाओं के लिए यह ज्यादा खतरनाक

डॉ. सोनिया रावत कहती हैं कि जीका वायरस का संक्रमण एडीज मच्छर के काटने के बाद 2 से 7 दिन के बीच फैल जाता है. अधिकतर मामलों में इसके लक्षण नजर नहीं आते. करीब 20 प्रतिशत मामलों में जीका वायरस के हल्के लक्षण नजर आते हैं. प्रेग्नेंट महिलाओं के लिए यह वायरस सबसे ज्यादा खतरनाक होता है. प्रेग्नेंसी के दौरान यह संक्रमण गर्भ में पल रहे बच्चे तक पहुंच सकता है, जिसके कारण बर्थ डिफेक्ट से लेकर अबॉर्शन की कंडीशन पैदा हो सकती है. जिन बच्चों में इस वायरस की वजह से बर्थ डिफेक्ट होता है, उसे जीका सिंड्रोम कहते हैं. ऐसे बच्चों का शारीरिक और मानसिक विकास प्रभावित होता है. वे अन्य बच्चों की अपेक्षा कमजोर रह जाते हैं.

क्या होते हैं जीका वायरस के लक्षण?

– हल्का बुखार
– सिरदर्द
– रैशेज होना
– जॉइंट पेन
– आंखें लाल होना
– मसल्स में दर्द

जीका वायरस से संक्रमित होने पर क्या करें?

डॉ. सोनिया रावत के अनुसार जीका वायरस का कोई सटीक इलाज या वैक्सीन नहीं है. लक्षणों के आधार पर मरीजों का इलाज किया जाता है. इस वायरस से संक्रमित होने पर डॉक्टर की सलाह के बाद बुखार आने पर पैरासीटामोल टैबलेट ले सकते हैं. सिरदर्द, जॉइंट पेन और मसल्स में दर्द के लिए पेन किलर का इस्तेमाल कर सकते हैं. इस कंडीशन में लोगों को ज्यादा से ज्यादा आराम करना चाहिए और डिहाइड्रेशन से बचने के लिए खूब पानी पीना चाहिए. तरल पदार्थों का सेवन ज्यादा करना चाहिए. साथ ही यूरिन की मॉनिटरिंग करनी चाहिए. आंखों में दर्द वगैराह के लिए भी दवा ले सकते हैं. यह एक वायरल इंफेक्शन है, इसलिए एंटीबायोटिक दवाएं नहीं लेनी चाहिए. इन सभी बातों का ध्यान रखकर करीब 7 से 10 दिन में रिकवर हो सकते हैं. अगर आपकी इम्यूनिटी कमजोर है या किसी गंभीर बीमारी से जूझ रहे हैं, तो किसी भी तरह की लापरवाही नहीं बरतनी चाहिए. इससे बचने के लिए मच्छरों से बचना चाहिए.

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