रेवाड़ी: भिवानी, दादरी व हिसार जाने वाली बस फिर शुरू होने की उम्मीद

उसके बाद दादरी और हिसार जाने वाली बसें हटाई गईं, जिन्हें हटाए करीब 2 साल का समय हो चुका है। इसके बाद भिवानी जाने वाली बस को हटाया गया, जो करीब डेढ़ साल से बंद है। इन सभी रूट्स पर बस सर्विस उपलब्ध न होने के कारण बड़ी संख्या में यात्री प्रभावित हो रहे हैं। करीब 3 साल पहले बैजनाथ के लिए डिपो से शाम 3 बजे बस जाती थी, जिसमें रेवाड़ी से प्रतिदिन 15-20 यात्री यात्रा करते थे, यह बस गुरूग्राम जाकर खचाखच भर जाती थी। इस बस के बंद करने के कारण अब यात्रियों को पहले गुड़गांव या झज्जर जाना पड़ता है, वहां से फिर बैजनाथ के लिए बस पकड़ते हैं। अभी भी बस के लिए यात्री आते रहते हैं, जो पूछताछ खिड़की से ही मायूस होकर वापस लौट जाते हैं।
दिल्ली रूट पर भी लगाई जा सकती हैं बसें
गत दिनों प्रदूषण बढ़ने के चलते दिल्ली में बीएस-4 बसों का संचालन बंद होने के चलते रोडवेज प्रबंधन की परेशानी बढ़ी हुई है, क्योंकि रोडवेज प्रबंधन के पास बीएस-6 माडल की केवल 30 बसें ही मौजूद हैं। जबकि बीएस-4 बसों का दिल्ली में संचालन बंद होने से पूर्व दिल्ली रूट पर 50 से अधिक बसों का संचालन किया जाता था। हालांकि ग्रेप तीन की पाबंदियां हटा दी गई हैं, लेकिन रोडवेज प्रबंधन अब बीएस-4 बसों का संचालन दिल्ली में करने के मूड में नहीं है। वर्तमान में रेवाड़ी डिपो में किलोमीटर स्कीम की 30 बसों सहित कुल 132 बसें मौजूद हैं। जबकि परिवहन विभाग की तरफ से रेवाड़ी डिपो का बेड़ा 177 बसों का निर्धारित किया हुआ है।
इस वजह से हो रही परेशानी
बसों की कमी के कारण जहां रूटों पर बसों के फेरों में कटौती चल रही है। वहीं, नए रूट पर बस का संचालन करने को डिमांड आने पर रोडवेज प्रबंधन को पुराने रूट पर बस बंद करनी पड़ रही है। इसके अलावा डिपो में हर एक-दो माह में चार-पांच बसें रूट संचालन से बाहर हो रही हैं, क्योंकि राष्ट्रीय राजधानी क्षेत्र में डीजल बसों को दस साल तक ही संचालित करने की अनुमति है और रेवाड़ी जिला राष्ट्रीय राजधानी क्षेत्र में शामिल है।
इलेक्ट्रिक बसों के भी मिलने की है अगले साल उम्मीद
रेवाड़ी डिपो को किलोमीटर स्कीम के तहत 47 इलेक्ट्रिक बसें भी मिलेंगी। हालांकि, इलेक्ट्रिक बसों के जल्द मिलने की उम्मीद अभी कम ही नजर आ रही है, क्योंकि इलेक्ट्रिक बसों के लिए नए बस स्टैंड पर चार्जिंग स्टेशन प्रस्तावित है और उसका कार्य अभी तक आरंभ नह हुआ है। नए साल में चार्जिंग स्टेश का कार्य आरंभ होने की जताई जा रही है।
यात्री बढ़े, मगर बसें नहीं
आज से 10 साल पहले करीब 180 के आसपास बसें रोडवेज के पास थी। मौजूदा समय में रोडवेज के पास 131 बसें हैं। पिछले 10 साल के रिकॉर्ड की बात करें तो 50 बसें कम है। रोजाना 30 हजार यात्री अभी सफर करते हैं। त्यौहारों के दिनों में यात्रियों की संख्या 40 हजार के आसपास पहुंच जाती है। 10 साल पहले करीब 15 करीब के आसपास यात्री सफर करते थे। इस साल करीब 20 बसें कंडम हुई हैं। ऐसे में अंदाजा लगाया जा सकता है कि लोगों की संख्या बढ़ती जा रही है मगर बसों की संख्या कम हो रही है। रोडवेज डिपो के पास 164 परिचालक और 135 चालक हैं। जरूरत 177 परिचालकों और 155 चालकों की है।
अस सप्ताह डिपो को 15 नई बसें मिल जाएंगी। नई बसों को लंबे रूटों पर चलाने पर विचार किया जा रहा है।
देवदत्त, महाप्रबंधक रोडवेज