सीएम योगी ने गिनाए राम मंदिर बनने के फायदे, कहा- हमें विभाजनकारी शक्तियों से दूरी बनानी पड़ेगी
मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने कहा है कि अयोध्या में मर्यादा पुरुषोत्तम भगवान श्रीराम के भव्य मंदिर के निर्माण का कार्य पूरा हो चुका है। 500 वर्षों के अंतराल के बाद इसी वर्ष 22 जनवरी को प्रभु राम अपने भव्य मंदिर में विराजमान होंगे। उन्होंने कहा कि राम मंदिर के बन जाने से दुनिया में हर दबी कुचली और शोषित सभ्यता को एक नया जीवन मिला है।
राम मंदिर बनने से हर दबी, कुचली-शोषित सभ्यता को मिला नया जीवन: योगी।
मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने कहा है कि अयोध्या में मर्यादा पुरुषोत्तम भगवान श्रीराम के भव्य मंदिर के निर्माण का कार्य पूरा हो चुका है। 500 वर्षों के अंतराल के बाद इसी वर्ष 22 जनवरी को प्रभु राम अपने भव्य मंदिर में विराजमान होंगे।
उन्होंने कहा कि राम मंदिर के बन जाने से दुनिया में हर दबी, कुचली और शोषित सभ्यता को एक नया जीवन मिला है। विश्व की तमाम परंपराएं अब यह सोचने लगी हैं कि अगर 500 वर्षों के बाद अयोध्या में प्रभु श्री राम का मंदिर बन सकता है तो दुनिया के अंदर हर कार्य संभव हो सकता है।
हमारी राष्ट्रीयता भारतीय और धर्म सनातन
योगी बुधवार को जोधपुर में श्री श्री 1008 श्री ब्रह्मलीन आयस जी श्री योगी कैलाशनाथ जी महाराज के विशाल भंडारा महोत्सव को संबोधित कर रहे थे। योगी ने कहा कि हमारी राष्ट्रीयता भारतीय और धर्म सनातन है।
योगी ने कहा, ‘सिर्फ धर्म सनातन है, बाकी सब उपासना विधियां हैं। सनातन धर्म ने हर काल और परिस्थिति में बिना डिगे, बिना हटे और बिना झुके अपनी जीवंतता को बनाए रखा है। सनातन धर्म सम और विषम परिस्थितियों का सामना करते हुए लगातार आगे बढ़ा है।
सनातन का स्वरूप विराट है, जो सबको अपने में समाहित कर लेता है। इसका मार्ग हमारे संतों और योगियों ने हमें दिखाया है। हमारे यहां सिद्ध योगियों की एक लंबी परंपरा है, जिन्होंने भौतिकता के बंधनों से ऊपर उठकर के जिन्होंने हमें जीने का एक नई राह दिखाई।
हमारे योगियों और संतों ने सनातन धर्म के वास्तविक मूल्यों का हमें साक्षात दर्शन करवाया है। कुछ कालखंड में सनातन के समक्ष चुनौतियां जरूर आईं, लेकिन जब सनातन धर्मावलंबियों के साथ एक स्वर में पूरा भारत खड़ा हो गया तो सारी समस्याएं समाप्त हो गईं’।
विभाजनकारी शक्तियों से दूरी बनानी पड़ेगी
योगी ने कहा कि हमें विभाजनकारी शक्तियों से दूरी बनानी पड़ेगी। एकजुट होकर के कार्य करना होगा और अंततः शांति और शाश्वत कल्याण का मार्ग केवल और केवल सनातन धर्म ही दे पाएगा। सनातन धर्म के उन मूल्यों और आदर्शों पर चलकर ही भारत समृद्धि की नए प्रतिमान स्थापित कर पा रहा है।