Christmas Celebration In Delhi Airport 2022
पिछले कुछ समय से दिल्ली के वर्ल्ड क्लास एयरपोर्ट पर यात्रियों की भीड़ और घंटों तक लगने वाली सुरक्षा लाइनों की खबर काफी सुर्खियों में है। क्रिसमस और नए साल की छुट्टियों में एयरपोर्ट पर भीड़ और बढ़ने की संभावना है। इस पर क्या है एयरपोर्ट की तैयारी पढ़ें।
नई दिल्लीः पहले से ही यात्रियों की लाइनें लगने से चर्चा में आए दिल्ली एयरपोर्ट पर अब 20 दिसंबर से क्रिसमस का जश्न मनाने वालों का ट्रैफिक बढ़ना शुरू हो जाएगा। इसके बाद देश-विदेश में न्यू ईयर सेलिब्रेट करने वाले जाना शुरू कर देंगे। इन सब बातों को सोचते हुए टी-3 के साथ ही अब टी-2 पर भी संसाधनों में बढ़ोतरी करनी होगी। वरना, कहीं ऐसा न हो कि टी-3 पर यात्रियों की कतारें कम करने के चक्कर में टी-2 पर यात्रियों की भीड़ लगनी शुरू हो जाए। इसके लिए जानकारों का कहना है कि टी-3 की तरह ही टी-2 पर भी और अतिरिक्त एक्स-रे मशीनों को बढ़ाना चाहिए। तभी आने वाले दिनों में यात्रियों की बढ़ती संख्या को हैंडल किया जा सकेगा। एयरपोर्ट अधिकारियों ने बताया कि जब से पीक आवर्स की छह फ्लाइट को टी-3 से टी-2 और टी-1 पर शिफ्ट किया गया है। तब से सुबह के वक्त टी-3 पर कतारों से कुछ राहत मिली है। लेकिन, अभी समस्या का पूरी तरह से समाधान नहीं हो पाया है। वहीं एक-दो दिनों में क्रिसमस मनाने वालों का यहां से टेक ऑफ शुरू हो जाएगा। इस बात को देखते हुए समय रहते अगर तीनों टर्मिनलों पर संसाधनों में और बढ़ोतरी नहीं की गई तो समस्या और गंभीर हो सकती है।
T-1 पर चल रहा है एक्सटेंशन का काम
सूत्रों का कहना है कि जब तक टी-1 के एक्सपेंशन का काम पूरा नहीं हो जाता, तब तक यह समस्या पूरी तरह से खत्म नहीं होगी। हालांकि टी-3 में पांच एक्स-रे मशीनें बढ़ाने का फायदा नजर आने लगा है। इससे यात्रियों की कतारें कम हुई हैं ओर उनको जल्दी जांच करके फ्लाइट की ओर भेजा जा रहा है। टी-3 में प्रवेश करने वाले पॉइंट पर भी कतारें कम हुई हैं। हालांकि क्रिसमस और नए साल के ट्रैफिक में बढ़ोतरी होते देख यहां अभी से इंतजामों में और बढ़ोतरी करने पर जोर दिया जा रहा है। इसमें सीआईएसएफ के जवानों की संख्या बढ़ाने के साथ-साथ यात्रियों की सिटिंग कैपेसिटी भी बढ़ानी होगी। क्योंकि, कुछ ही दिनों में कोहरा भी शुरू हो सकता है। ऐसे में अगर यहां पांच-सात फ्लाइट भी डिले हो गईं तो समस्या और बड़ी हो जाएगी।
लगेज की जांच में इसलिए लगता है ज्यादा समय
अधिकारी ने यह भी बताया कि बताया कि यूरोपियन और अमेरिकी देशों में जो एडवांस एक्स-रे मशीनें लगी हुई हैं, उनमें जांच के दौरान लैपटॉप या अन्य इलेक्ट्रॉनिक गैजट को बैग से निकालने की जरूरत नहीं पड़ती। उनकी पिक्चर क्वॉलिटी भी बहुत अच्छी है और वह सिंगल और डबल से भी एक स्टेप आगे लगेज की थ्री डी इमेज देती हैं। जिसे किसी भी तरह से उल्टा-पुल्टा या ऊपर-नीचे घुमा कर देखा जा सकता है। हालांकि, भारत में यह एयरपोर्ट के लिए बनाए गए नियमों का मामला है। अगर यहां भी यूरोप और अमेरिकी देशों जैसी एडवांस एक्स-रे मशीनें लगा दी जाएं तो फिर यहां भी हैंड बैगेज से सामान निकाले बिना इन्हें ऐसे ही चेक किया जा सकेगा। फिलहाल, सूत्रों का कहना है कि दिल्ली एयरपोर्ट के तीनों टर्मिनलों पर जो एक्स-रे मशीनें लगी हुई हैं। यह 10 साल से भी अधिक पुरानी हो चुकी हैं। हाल यह है कि इनमें लगेज की थ्री डी इमेज तो छोड़िए डुअल व्यू भी दिखाई नहीं देता। जबकि ब्यूरो ऑफ सिविल एविएशन (BCAS) के मानक भी यह कहते हैं कि एयरपोर्ट पर कम से कम डुअल इमेज दिखाई जाने वाली एक्स-रे मशीनें लगी होनी चाहिए। लेकिन हैरानी की बात है कि दिल्ली एयरपोर्ट पर ऐसी एक्स-रे मशीनें लगी हुई हैं, जिनसे केवल सिंगल व्यू ही दिखाई देता है। इसमें भी लगेज को सीधा और फ्लैट करके भी चेक नहीं किया जा सकता। इस वजह से यहां लगेज की जांच के दौरान भी अधिक वक्त लगता है।
एक्स-रे मशीन से लगेज जांच में देरी
स्क्रीन में लगेज की इमेज तक साफ दिखाई नहीं दे रही। इसके बावजूद इन्हीं पुरानी मशीनों से यात्रियों के तमाम लगेज की जांच की जा रही है। यही नहीं, यात्रियों की जांच करते वक्त जो हैंड मेटल डिटेक्टर इस्तेमाल किए जा रहे हैं, कई बार यह भी ठीक से काम नहीं कर रहे हैं। सुरक्षा के लिहाज से इन्हें बेहद गंभीर बताया जा रहा है। मामले में एयरपोर्ट के एक वरिष्ठ अधिकारी ने नाम ना छापने की शर्त पर एनबीटी को बताया कि हां, यह बात सही है कि यहां तीनों टर्मिनलों पर जो एक्स-रे मशीनें लगी हुई हैं, यह पुरानी आउटडेटेड हो चुकी हैं। इनके मॉनिटरों में भी लगेज की तस्वीर साफ दिखाई नहीं देती। हैंड मेटल डिटेक्टर में भी कई बार बीप की आवाज नहीं आती। इन सभी को आधुनिक तकनीक के हिसाब से तुरंत प्रभाव से बदलने की जरूरत है।