October 18, 2024

Covid-19 JN.1 Cases In India: छह मौत और 692 नए मामले, पिछले 24 घंटे में कोरोना के केस ने बढ़ाई चिंता

COVID 19 cases in India पिछले 24 घंटों में देश में कोविड से संक्रमित छह लोगों की मौत हुई है। दो महाराष्ट्र में और एक-एक दिल्ली कर्नाटक केरल और पश्चिम बंगाल में मौत के मामले सामने आए हैं। बुधवार को दिल्ली में COVID-19 सब-वेरिएंट JN.1 का पहला मामला सामने आया। कोविड-19 (COVID-19) के JN.1 वैरिएंट का पहला मामला केरल में सामने आया था।

पिछले 24 घंटे में कोरोना संक्रिमत छह मरीजों की मौत हो गई

भारत में बुधवार तक JN.1 सब-वेरिएंट के कुल 109 मामले पाए गएकोविड के नए वेरिएंट से घबराने की जरूरत नहीं: कोविड विशेषज्ञ

COVID 19 cases in India। नए साल से पहले कोरोना के मामले तेजी से बढ़ रहे हैं। पिछले 24 घंटे में कोरोना के 692 नए मामले सामने आए हैं। वहीं, बुधवार को 529 केस सामने आए थे। केंद्रीय स्वास्थ्य मंत्रालय के आंकड़ों के अनुसार, देश में कोविड के कुल सक्रिय मामले 4,097 तक पहुंच चुके हैं।

आधिकारिक आंकड़ों के अनुसार, पिछले 24 घंटों में देश में कोविड से संक्रमित छह लोगों की मौत हुई है। दो महाराष्ट्र में, और एक-एक दिल्ली, कर्नाटक, केरल और पश्चिम बंगाल में मौत के मामले सामने आए हैं। बुधवार को दिल्ली में COVID-19 सब-वेरिएंट JN.1 का पहला मामला सामने आया। कोविड-19 (COVID-19) के JN.1 वैरिएंट का पहला मामला केरल में सामने आया था।

बता दें कि भारत में बुधवार तक JN.1 सब-वेरिएंट के कुल 109 मामले पाए गए हैं। सब वैरिएंट JN.1 के सबसे ज्यादा मामले गोवा से सामने आए हैं। वहीं, महाराष्ट्र, कर्नाटक, केरल, तमिलनाडु और तेलंगाना से भी इस वैरिएंट के मामले सामने आए हैं।

कोविड के नए वेरिएंट से घबराने की जरूरत नहीं: कोविड विशेषज्ञ

कोरोना के बढ़ते मामलों को पर डब्ल्यूएचओ के पूर्व मुख्य वैज्ञानिक डॉ. सौम्या स्वामीनाथन ने कहा कि फिलहाल घबराने की जरूरत नहीं है क्योंकि यह चिंता का विषय नहीं। डॉ. सौम्या स्वामीनाथन ने आगे कहा कि लोग हवादार वातावरण में रहें। वहीं, अस्वस्थ्य लोगों से बिना मास्क पहने मिलने से बचें।

सब-वेरिएंट JN.1 के लिए बूस्टर की जरूरत नहीं: डॉक्टर

भले ही देश में कोरोने के सब-वेरिएंट JN.1 के मामले बढ़ रहे हैं, लेकिन कोविड विशेषज्ञों की मानें तो इस नए वेरिएंट से डरने की जरूरत नहीं है। अस्पताल के इंटरनल मेडिसिन के सलाहकार डॉक्टर प्रमोद वी. सत्या ने बताया, “मौजूदा टीके जेएन.1 वायरस संक्रमण को पूरी तरह से नहीं रोक सकते हैं, लेकिन यह वैरिएंट कम खतरनाक है। मुझे लगता है कि हम बिना बूस्टर टीकों के ही इससे बच सकते हैं।”

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