भारत क्यों मायने रखता है, राष्ट्रीय पहचान और अंतरराष्ट्रीय उत्थान की कहानी

भारत के विदेश मंत्री सुब्रमण्यम जयशंकर का मुख्य तर्क है कि ‘इंडिया’ मोदी युग के दौरान ‘भारत’ में परिवर्तित हो गया है। राष्ट्र की नीति और नीयत में प्राचीन वैभवशाली सभ्यता का पुनर्जागरण एवं उसकी पुनर्स्थापना इस कायापलट के मूल में है। जयशंकर लिखते हैं कि 2014 के पूर्व भारतीय विदेश नीति में अपनी महान सभ्यता के प्रति गौरवबोध का अभाव था
भारत क्यों मायने रखता है, राष्ट्रीय पहचान और अंतरराष्ट्रीय उत्थान की कहानी
श्रीराम चौलिया। वैश्विक राजनीति का सभ्यता और संस्कृति से क्या संबंध है? राष्ट्रीय पहचान और देश के अंतरराष्ट्रीय उत्थान के बीच कौन सी कड़ी जुड़ती है? क्या कूटनीति का मर्म प्राचीन महाकाव्यों में समाहित है? ऐसे अनेक प्रश्नों के उत्तर विदेश मंत्री सुब्रमण्यम जयशंकर की सद्यप्रकाशित पुस्तक ‘व्हाई भारत मैटर्स’ यानी ‘भारत क्यों मायने रखता है?’ में मिलते हैं। यह भारत के लिए सौभाग्य की बात है कि जयशंकर जैसे विशेषज्ञ विद्वान इस समय विदेश मंत्रालय की कमान संभाले हुए हैं। इतने उच्च पद पर तमाम व्यस्तताओं के बावजूद जयशंकर निरंतर चिंतन करते रहते हैं। नई पुस्तक भी उसी चिंतनधारा का परिणाम है। गहन मंथन के आधार पर लिखी गई यह पुस्तक उनके अनुभव, विद्वता और जिज्ञासु प्रवृत्ति को दर्शाती है। यह पुस्तक भारतीय विदेश नीति के नए आयाम उजागर करती है।